हाथरस : जिला पंचायत की बैठक सोमवार को काफी हंगामेदार रही। बैठक में शामिल होने पहुंचे ओमवती समर्थक सदस्यों ने जिला पंचायत के कुछ प्रस्तावों पर आपत्ति जताई। इस पर वहां जमकर हंगामा हो गया। बैठक में कुछ प्रस्ताव पास होने का दावा किया गया है। बाद में ओमवती समर्थित सदस्य हंगामा करते हुए वहां से चले गए।
अपर मुख्य अधिकारी हरपाल सिंह यादव के अनुसार जिला पंचायत, हाथरस की बैठक अध्यक्ष विनोद उपाध्याय की अध्यक्षता में पूर्वाह्न 12 बजे आहूत की गई। बैठक में सर्वप्रथम अध्यक्ष ने पूर्व बैठक की कार्यवाही की पुष्टि की जानकारी दी। इस पर प्रदीप चौधरी गुड्डू, बिजेन्द्र पाल सिंह आदि सदस्यों ने समितियों के गठन में निर्वाचन की प्रक्रिया नहीं अपनाए जाने की आपत्ति जताई। इस पर जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि समिति के गठन में पारदर्शिता तथा नियमों का अक्षरश: पालन किया गया है। इसके बाद सर्वसम्मति से गत बैठक की पुष्टि की गई। इस दौरान हंगामे की स्थिति पैदा हुई।
एएमए ने बताया कि शासनादेश 16 जुलाई 2018 के द्वारा 47 परियोजनाओं की तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गई थी, जिस पर उच्च न्यायालय से 30 जुलाई 2018 से स्थगन आदेश पारित हुआ था। इसके बाद परियोजनाओं को निरस्त कर दिया गया था। इसके साथ ही 27 फरवरी 2019 की कार्ययोजना की स्वीकृति में कानूनी कमियों एवं अनियमितताओं के कारण उन्हें भी निरस्त किया गया। शासनादेश 24 दिसंबर 2018 के द्वारा इंटरलॉकिंग कार्यों पर भी रोक लगा दी गई है। इसलिए इनके स्थान पर दूसरी कार्ययोजना बनाने पर विचार के लिए सदन में रखा गया। दावा है कि यह कार्य सर्वसम्मति से स्वीकृत किया गया। राज्य वित्त आयोग के योजना अन्तर्गत धनराशि के सापेक्ष कार्ययोजना सदन के पटल पर रखी गई जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया। इस दौरान सदस्यों ने हंगामा करते हुए पूर्व में मंजूर हुए इंटरलॉकिंग कार्य के प्रस्तावों से ही विकास कार्य कराए जाने की मांग की। जिला पंचायत अध्यक्ष अध्यक्ष ने आश्वस्त किया कि इस पूरे प्रकरण को शासन में संदर्भित करते हुए अनुरोध किया जाएगा। कार्ययोजना का प्रस्तुतिकरण रूपिका श्रीवास्तव द्वारा किया गया।
बैठक में सीडीओ आरबी भास्कर के साथ-साथ जिला स्तरीय अधिकारियों की उपस्थिति रही। बैठक में प्रमुख रूप से विधायक हरीशंकर माहौर वीरेंद्र सिंह राणा, जसवंत सिंह, सदस्य विधान परिषद के साथ-साथ ब्लाक प्रमुख आदि उपस्थित रहे। जिला पंचायत की वरिष्ठ सदस्य रामवती बघेल, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष बृजमोहन राही, रामेश्वर उपाध्याय, सरोज उपाध्याय, कल्पना उपाध्याय आदि सदस्यगण उपस्थित रहे।
जिला पंचायत की बैठक में मंचासीन अध्यक्ष विनोद उपाध्याय, एमएलसी जसवंत सिंह, सदर विधायक हरीशंकर माहौर ’ जागरण
जिला पंचायत की बैठक में भाग लेते सदस्य व अन्य ’ जागरण
सदस्यों ने सीडीओ को सौंपा ज्ञापन
बैठक के बाद ओमवती समर्थित जिला पंचायत सदस्य सीडीओ आरबी भास्कर से मिले। सदस्यों ने उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसमें 29 अगस्त 2019 को जारी पत्र में वर्णित एजेंडा संख्या दो, तीन व चार पर आपत्ति जताई। एजेंडा दो में राज्यवित्त आयोग योजनांतर्गत 27 फरवरी 2019 की कार्य योजना में कानूनी कमियों एवं अनियमितताओं के कारण निरस्त करने पर विचार की मांग की गई है। एजेंडा 3 में 47 परियोजनाओं की तकनीकी स्वीकृत प्रदान किए जाने के बावजूद उसकी जगह दूसरी परियोजना बनाए जाने पर भी आपत्ति जताई गई। सीडीओ ने सदस्यों को उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है। यहां प्रदीप सिंह, श्याम सिंह, मीनू, राजाराम, विजेंद्र पाल सिंह, सीमा देवी, ललिता, पुष्पेंद्र और ओमवती शामिल थीं।
अपर मुख्य अधिकारी हरपाल सिंह यादव के अनुसार जिला पंचायत, हाथरस की बैठक अध्यक्ष विनोद उपाध्याय की अध्यक्षता में पूर्वाह्न 12 बजे आहूत की गई। बैठक में सर्वप्रथम अध्यक्ष ने पूर्व बैठक की कार्यवाही की पुष्टि की जानकारी दी। इस पर प्रदीप चौधरी गुड्डू, बिजेन्द्र पाल सिंह आदि सदस्यों ने समितियों के गठन में निर्वाचन की प्रक्रिया नहीं अपनाए जाने की आपत्ति जताई। इस पर जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि समिति के गठन में पारदर्शिता तथा नियमों का अक्षरश: पालन किया गया है। इसके बाद सर्वसम्मति से गत बैठक की पुष्टि की गई। इस दौरान हंगामे की स्थिति पैदा हुई।
एएमए ने बताया कि शासनादेश 16 जुलाई 2018 के द्वारा 47 परियोजनाओं की तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गई थी, जिस पर उच्च न्यायालय से 30 जुलाई 2018 से स्थगन आदेश पारित हुआ था। इसके बाद परियोजनाओं को निरस्त कर दिया गया था। इसके साथ ही 27 फरवरी 2019 की कार्ययोजना की स्वीकृति में कानूनी कमियों एवं अनियमितताओं के कारण उन्हें भी निरस्त किया गया। शासनादेश 24 दिसंबर 2018 के द्वारा इंटरलॉकिंग कार्यों पर भी रोक लगा दी गई है। इसलिए इनके स्थान पर दूसरी कार्ययोजना बनाने पर विचार के लिए सदन में रखा गया। दावा है कि यह कार्य सर्वसम्मति से स्वीकृत किया गया। राज्य वित्त आयोग के योजना अन्तर्गत धनराशि के सापेक्ष कार्ययोजना सदन के पटल पर रखी गई जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया। इस दौरान सदस्यों ने हंगामा करते हुए पूर्व में मंजूर हुए इंटरलॉकिंग कार्य के प्रस्तावों से ही विकास कार्य कराए जाने की मांग की। जिला पंचायत अध्यक्ष अध्यक्ष ने आश्वस्त किया कि इस पूरे प्रकरण को शासन में संदर्भित करते हुए अनुरोध किया जाएगा। कार्ययोजना का प्रस्तुतिकरण रूपिका श्रीवास्तव द्वारा किया गया।
बैठक में सीडीओ आरबी भास्कर के साथ-साथ जिला स्तरीय अधिकारियों की उपस्थिति रही। बैठक में प्रमुख रूप से विधायक हरीशंकर माहौर वीरेंद्र सिंह राणा, जसवंत सिंह, सदस्य विधान परिषद के साथ-साथ ब्लाक प्रमुख आदि उपस्थित रहे। जिला पंचायत की वरिष्ठ सदस्य रामवती बघेल, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष बृजमोहन राही, रामेश्वर उपाध्याय, सरोज उपाध्याय, कल्पना उपाध्याय आदि सदस्यगण उपस्थित रहे।
जिला पंचायत की बैठक में मंचासीन अध्यक्ष विनोद उपाध्याय, एमएलसी जसवंत सिंह, सदर विधायक हरीशंकर माहौर ’ जागरण
जिला पंचायत की बैठक में भाग लेते सदस्य व अन्य ’ जागरण
सदस्यों ने सीडीओ को सौंपा ज्ञापन
बैठक के बाद ओमवती समर्थित जिला पंचायत सदस्य सीडीओ आरबी भास्कर से मिले। सदस्यों ने उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसमें 29 अगस्त 2019 को जारी पत्र में वर्णित एजेंडा संख्या दो, तीन व चार पर आपत्ति जताई। एजेंडा दो में राज्यवित्त आयोग योजनांतर्गत 27 फरवरी 2019 की कार्य योजना में कानूनी कमियों एवं अनियमितताओं के कारण निरस्त करने पर विचार की मांग की गई है। एजेंडा 3 में 47 परियोजनाओं की तकनीकी स्वीकृत प्रदान किए जाने के बावजूद उसकी जगह दूसरी परियोजना बनाए जाने पर भी आपत्ति जताई गई। सीडीओ ने सदस्यों को उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है। यहां प्रदीप सिंह, श्याम सिंह, मीनू, राजाराम, विजेंद्र पाल सिंह, सीमा देवी, ललिता, पुष्पेंद्र और ओमवती शामिल थीं।
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