मुख्यमंत्री आवास पर आत्मदाह के लिए जा रहे गांव गोपालपुर के ग्रामीणों को पुलिस ने हाथरस जंक्शन रेलवे स्टेशन पर लिया हिरासत में


        
हसायन : चकबंदी अधिकारियों पर मिलीभगत, भ्रष्टाचार और उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए दो सितंबर को सीएम आवास पर आत्मदाह करने के लिए जा रहे गांव गोपालपुर की महिला समेत छह किसानों को पुलिस ने हाथरस जंक्शन स्टेशन पर पकड़ लिया। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। एहतियातन सभी किसानों को पुलिस ने हिरासत में रखा है।

गांव गोपालपुर के किसानों ने चकबंदी कार्य में कानूनगो, एसीओ, सीओ, एसओसी पर भ्रष्टाचार व अनियमितताओं के आरोप लगाए थे। चकों के लिए धन लेने, पैसे नहीं देने वाले किसानों को जलमग्न भूमि आवंटित करने, पात्र लोगों को बेदखल करने, अच्छी मालियत की जमीन पैसे के बल पर देने, 45 साल के पट्टा धारक को उस जमीन से बेदखल कर जमीन का कुछ हिस्सा देने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। मुन्नी देवी पत्नी दरियाव सिंह गांव में नहीं है फिर भी 10 एकड़ भूमि उसके नाम दर्ज करने, गोलमाल कर उस जमीन के कुछ हिस्से का बैनामा कराने का भी आरोप लगाया है।

कई बार की गई शिकायतों का निस्तारण न होने पर किसानों ने करीब एक माह पूर्व अधिकारियों को पत्र भेजकर घोषणा की थी कि वे समस्याओं का जल्द निस्तारण नहीं होने और चकबंदी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होने पर दो सितंबर को सीएम आवास पर आत्मदाह करेंगे।

रविवार की सुबह किसान अजरुन सिंह, सत्येंद्र कुमार, उत्तम चंद, दुष्यंत, विजयपाल और राधा पत्नी स्व.सियाराम कालका मेल से लखनऊ जाने के लिए हाथरस जंक्शन स्टेशन पर पहुंचे। पुलिस को जानकारी हुई तो एसएचओ जगदीशचंद्र पुलिस बल के साथ वहां पहुंच गए और किसानों को हिरासत में ले लिया।

किसानों की दो शिकायतों का पूर्व में ही निस्तारण कर दिया गया है। अन्य मामलों के लिए टीम गठित कर जल्द निस्तारण के निर्देश दिए गए हैं। वहीं 10 एकड़ भूमि अज्ञात व्यक्ति के नाम दर्ज किए जाने के मामले में मुनादी कराकर ग्राम पंचायत में दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं।

रामजी मिश्र, एसडीएम सिकंदराराऊ।

हाथरस जंक्शन रेलवे स्टेशन पर हिरासत में लिए गए किसान

जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम सिकंदराराऊ रामजी मिश्र कोतवाली हसायन पर आए। उन्होंने पीड़ित किसानों से वार्ता की और सभी समस्याओं के निस्तारण का आश्वासन दिया। चकबंदी सीओ एचडी पाल को भी कोतवाली पर बुलाया गया। एसडीएम ने उन्हें चकबंदी के प्रारूप को सही तरीके से करने के निर्देश दिए। किसानों की शिकायतों के निस्तारण को तीन सदस्यीय टीम भी गठित की है।

सीएम आवास पर आत्मदाह को जा रहीं राधा पत्नी स्व. सियाराम ने बताया कि उनकी जमीन का अवैध तरीके से बैनामा कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि पूर्व में अपनी केवल चार बीघा जमीन बेची थी, जबकि चकबंदी विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों ने मिलीभगत कर मेरे हिस्से की जमीन को दूसरों के नाम कर दिया है।

बेजा नहीं बेवा का दर्द

एसडीएम ने पीड़ितों को दिया आश्वासन

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