हाथरसः 23 मार्च से प्रारंभ हुए क्रिकेट के महासंग्राम में बैसे तो खिलाडियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का सुनहरा मौका मिला हैं वहीं दूसरी ओर क्रिकेट के मैच पर सट्टा लगाने वालों के लिए भी गोल्डन अवसर होता है। देश के तमाम बडे शहरों के साथ छोटे-छोटे जनपदों में भी करोडो रूपए का सट्टा इन मैचों पर लगता है। वैसे तो यूपी पुलिस ने हर बडे से बडे मामले को घंटों के हिसाब से सुलझा देती है लेकिन दूसरी और लगातार ढेड माह तक चलने वाले इस क्रिकेट सट्टे के खेल को नहीं पकड पाती। या फिर ये कहें कि पुलिस से सार्प है आईपीएल सटोरियों का ब्रेन,
हाथरस में ताजा मामला सामने आया है कि 23 मार्च से 12 मई तक चले आइपीएल मैचों के आखिरी समय सट्टेबाजी के नाम पर करोड़ों की ठगी का मामला सामने आया। इससे यह पता चला कि आइपीएल मैचों के दौरान जिलेभर में करोड़ों का सट्टा लगा रहा और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। आइपीएल मैचों के दौरान सटोरिए और एजेंट पुलिस की पकड़ से दूर रहे।
11 मई की रात को शहर के कारोबारी अनुपम अग्रवाल ने व्यापारी नेता के बेटे नितिन बागला और उनके साथी विवेक टालीवाल पर आइपीएल सट्टेबाजी के नाम पर करीब दो करोड़ रुपये ठगने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। अनुपम के साथ ठगी का सिलसिला कई दिन से चल रहा था। शिकायत दर्ज करने के लिए 11 मई का ही दिन क्यों चुना गया? इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है। क्या अनुपम अग्रवाल मैचों के खत्म होने पर ही मामले से पर्दा हटाना चाहते थे या फिर यह इंतजार कर रहे थे कि करोडों रूपए का सट्टा लगाकर पहले तो हारे हुए रूपए निकाले जाएं फिर पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया जाए। हाथरस पुलिस तो मुकदमें का इंतजार कर रही थी कि कोई मुकदमा दर्ज कराए तभी इन सटोरियों खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। सवाल कई हैं लेकिन अधिकारियों के पास जवाब किसी का नहीं है।
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