हाथरस। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत जिला स्वच्छ भारत मिशन मैनेजमेण्ट कमेटी की बैठक जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार की अध्यक्षता में कलेक्टेªट सभागार में आयोजित की गयी।
जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने बैठक की कार्ययोजना को शतप्रतिशत अमल में लाने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन का कार्य धरातल पर दिखना चाहिए। इससे आमजनमानस को प्रत्यक्ष लाभ मिलता है। उन्होने कहा कि गांवो में ठोस तथा तरल अपशिष्ट प्रबन्धन का कार्य किया जाना है। जानकारी करने पर बताया गया कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की वर्ष 2019-20 की वार्षिक कार्ययोजना में 166 ग्राम पंचायतो में ठोस एवं तरल अपशिष्ठ पदार्थों के प्रबन्धन पर कार्य किये जाने हेतु 1927 लाख धनराशि का प्राविधान किया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि ग्राम स्तर के कचरे का प्रबन्धन बेहतर ढ़ग से किया जाये। इसके अलावा प्लास्टिक तथा पाॅलीथिन के निस्तारण के लिये अलग से व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी को ठोस तथा तरल अपशिष्ट पदार्थों के लिये तैयार की गयी कार्ययोजना का अवलोकन करके अवगत कराने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि इस योजना के तहत ठोस एवं तरल अपशिष्ठ प्रबन्धन के लिये घरेलू कचरो का संकलन तथा कम्पोस्ट बनाकर निस्तारण किया जाना हैं। जिसके लिये वर्मी कम्पोस्ट व्यक्तिगत तथा सामुदायिक बायों गैस संयत्र को प्रयोग में लाया जायेगा। जिससे ग्रामों को स्वच्छ बनाने में सहयोग मिलेगा। उन्होने कहा कि सभी अधिकारीगण स्वच्छ भारत मिशन को गम्भीरता से लेते हुए उसके उद्देश्यो को पूर्ण करने मे सफल बनाये।
जिला पंचायत राज अधिकारी बनवारी सिंह ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में शासन द्वारा 581.70 लाख धनराशि प्राप्त हुई जिसके सापेंक्ष वित्तीय वर्ष 2019-20 में अभी तक 165.92 लाख रूपये व्यय किया जा चुका है। उन्होेने बताया कि विगत वित्तीय वर्ष में एमआईएस के अनुसार लक्ष्य के सापेंक्ष शत प्रतिशत शौचालय निर्माण किया जा चुका हैं। उन्होने बताया कि जनपद में ओडिएफ घोषित तथा मण्डल स्तर से सत्यापित ऐसे ग्राम जिनको 6 माह का समय हो गया है उनका ओडिएफ की निरन्तरता बनाये जाने के लिये द्वितीय स्तरीय सत्यापन किया जाना है। उन्होने बताया कि लक्ष्य के अनुसार विकास खण्ड हाथरस में 30 गांव, विकास खण्ड मुरसान में 48 गांव, विकास खण्ड सासनी में 20 ग्राम, विकास खण्ड सिकन्द्राराऊ में 11 ग्राम, विकास खण्ड हसायन में 24 ग्राम, विकास खण्ड सादाबाद में 22 ग्राम तथा विकास खण्ड सहपऊ में 8 ग्राम को चयनित किया गया है। उन्होेने बताया कि इन गांवों का द्वितीय स्तरीय सत्यापन शीघ्र पूर्ण किया जायेगा।
मुख्य विकास अधिकारी एस.पी.सिंह ने कहा कि ठोस तथा तरल अपशिष्ठ प्रबन्धन के तहत चयनित ग्रामों में बेहतर ढ़ग से कार्य किया जायेगा। साथ ही ठोस तथा तरल अपशिष्ठ के पूर्ण निस्तारण पर बल दिया जायेगा। उन्होने कहा कि ठोस तथा तरल अपशिष्ठ प्रबन्धन के तहत प्रत्येक विकास खण्ड से दो ग्रामों को पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर लिया गया है। जिसके तहत विकास खण्ड हाथरस के रतनगढ़ी तथा गंगचैली, विकास खण्ड मुरसान जटोई तथा टुकसान, विकास खण्ड सासनी के रामपुर तथा दरकौला, विकास खण्ड सिकन्द्राराऊ के मीरपुर तथा सुजावलपुर, विकास खण्ड हसायन के महासिंहपुर तथा मनौरा, विकास खण्ड सादाबाद चिरावली तथा रहपुरा, विकास खण्ड सहपऊ के चैबारा तथा मांगरू को चयनित किया गया है।
बैठक के दौरान परियोजना निदेशक अश्वनी कुमार मिश्रा, मुख्य चिकित्साधिकारी बृजेश राठौर, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हरीश चन्द्र, सहायक कोषाधिकारी उदयवीर सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी धमेन्द्र कुलश्रेष्ठ तथा अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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