गिरिराज दानघाटी मंदिर की प्रबंधक के खिलाफ न्यायिक मजिस्ट्रेट ने किये मुकदमा के आदेश


- मानवाधिकार आयोग के नोटिस के बाद डीएम के आदेश से अलग चल रही है जांच

गोवर्धन। न्यायिक मजिस्ट्रेट से लेकर प्रशासन स्तर पर वित्तीय घपले की चल रही जांच में दानघाटी मंदिर के प्रबंधक का बचना मुश्किल है। करोड़ों रूपये के गबन को लेकर माननीय न्यायालय ने गोवर्धन थाने में मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिये हैं। गोवर्धन का सुविख्यात दानघाटी मंदिर का प्रबंधन इनदिनों वित्तीय अनियमितताओं के सवालों के घेरे में है। आखिर दो साल के बीच की करोड़ों रूपये के उठने वालों के ठेकों की धनराशि कन्हा चली गई।  न्यायालय ने भी इस संबंध में कई बार नोटिस दिये। शिकायतकर्ता द्वारा प्रशासनिक स्तर पर भी जांच कराने के लिए शिकायत की गई। चूंकि मामला दस करोड़ से ऊपर का होने के कारण मानवाधिकार आयोग ने भी तुरंत संज्ञान लिया। अब इसी मामले में गोवर्धन के सबसे बड़े मंदिर गिरिराज दानघाटी मंदिर के प्रबंधक के खिलाफ सेवा के ठेका की करोड़ों रूपये की धनराशि जमा न किये जाने के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट मथुरा की ओर से थाने में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दे दिये हैं। प्रबंधक डालचंद चैधरी के खिलाफ शिकायतकर्ता ने न्यायालय के साथ-साथ प्रशासन को भी शिकायत की थी। जिस पर मानवाधिकार आयोग के सख्त दिशा-निर्देशों पर एसडीएम गोवर्धन जांच कर रहे हैं। मंदिर की सभी प्रशासनिक एवं लेन-देन की जिम्मेदारी प्रबंधक की है। इसकी शिकायत न्यायालय सिविल जज छाया शर्मा के यहां वादी रमाकांत कौशिक द्वारा पूर्व में की गई। न्यायालय ने पूर्व में ही मान लिया था कि हिसाब-किताब जमा नहीं कराया गया और उनके द्वारा वित्तीय अनियमितता की गई है। उनको कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। इसके बाद भी डालचंद चैधरी न्यायालय में ठेकेदार से प्राप्त राशि को जमा करने का पूरा हिसाब दाखिल नहीं कर पाए । 21 मई 2019 को माननीय न्यायालय द्वारा सहायक प्रबंधक डालचंद चैधरी के विरूद्ध समुचित धाराओं में मुकदमा पंजिकृत किये जाने के आदेश पारित किए गए हैं। करोड़ों रूपये के गबन का मामला एनजीटी न्यायालय में भी उठ चुका है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय/ सिविल जज सीनियर डिवीजन छाया शर्मा ने गोवर्धन थाने को आदेश किये हैं। आदेश के संबंध में  गोवर्धन थाना प्रभारी निरीक्षक राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश मिल गये हैं लेकिन विभागीय कागजी पूर्ति होने पर मुकदमा दर्ज कर लिया जाएगा। न्यायालय के सभी आदेशों का पालन होगा।।
 पत्रकार अमित गोस्वामी

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