जर्मन गो-भक्त के लिए विदेशी मंत्री सुषमा स्वराज ने मांगी रिपोर्ट
- विदेशी मंत्री के ट्वीट से जागी उम्मीद
- भारत सरकार को गाय सेवा पर मिले पदमश्री अवार्ड को लौटाने की बात कही थी
राधाकुण्ड। किसी बछड़े का नाम कृष्णा तो बछिया का नाम राधा। ऐसा मूक जीव के लिए वात्सल्य प्रेम शायद ही कहीं देखा हो। वास्तविकता में विदेशी महिला महिला ने गाय के सेवा के लिए अनूठी मिसाल पेश की है। इसी सेवा के लिए भारत सरकार ने उनको पदम श्री जैसे अवार्ड से सम्मानित किया। वीजा अड़चनों को लेकर एक बार फिर से उनके अवार्ड वापिसी और विदेश चले जाने पर चर्चाओं के दौर शुरू हो गये। जब इस खबर को मीडिया में प्रकाशित किया तो विदेश मंत्रालय तक बात पहुंच गई। अब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रिपोर्ट मांगी है। भारत सरकार द्वारा पदमश्री से सम्मानित गो सेविका विदेशी महिला के अवार्ड वापिसी को लेकर विदेशी मंत्री सुषमा स्वराज ने वीजा अवधि को लेकर रिपोर्ट मांग ली है। उन्होंने रविवार को अपने ट्वीट में इसको संज्ञान में लाने के लिए मीडिया को धन्यवाद देने की बात कही है। गौरतलब है कि जर्मन भक्त फ्रेडरिका एरिक बूनिंग उर्फ सुदेवी दासी राधाकुंड में कोन्हई रोड स्थित राधा सुरभि गौशाला चलाती हैं। उनकी गोशाला में बेसाहरा गोवंश का लालन-पालन होता है। करीब चालीस वर्ष से निःस्वार्थ सेवा के लिए ही उनको भारत सरकार ने पदम श्री अवार्ड से सम्मानित किया। सेवा के कार्यक्षेत्र में उनके विदेशी होने पर समय-समय पर भारत में रहने के लिए वीजा की अड़चन आती रही है। जब उनको भारत सरकार ने सम्मानित किया तो लगा कि अब उनको इस समस्या से निजात मिल जाएगी लेकिन इस जब उन्होंने वीजा अवधि के लिए अपना आवेदन किया तो कानूनी पेचदगी से रूक गया। इस पर उन्होंने कहा कि वे अपने सम्मान की वापिसी सरकार को कर देंगी। सम्मान की वापिसी की खबर पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर खुद इस मामले की रिपोर्ट मांगकर सकारात्मक पहल की है। वहीं इस संबंध में गोवर्धन के एसडीएम नागेन्द्र सिंह का कहना है कि आधिकारिक तौर पर उनको किसी प्रकार जानकारी सुदेवी दासी के वीजा के संदर्भ में नहीं दी गई है। वह अच्छा काम कर रही हैं। गो सेवा के लिए किये गये सराहनीय हैं। अगर रिपोर्ट मांगी गई उनके यहां रहने के पक्ष में सकारात्मक ही रिपोर्ट देंगे।
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पत्रकार अमित गोस्वामी।।
- विदेशी मंत्री के ट्वीट से जागी उम्मीद
- भारत सरकार को गाय सेवा पर मिले पदमश्री अवार्ड को लौटाने की बात कही थी
राधाकुण्ड। किसी बछड़े का नाम कृष्णा तो बछिया का नाम राधा। ऐसा मूक जीव के लिए वात्सल्य प्रेम शायद ही कहीं देखा हो। वास्तविकता में विदेशी महिला महिला ने गाय के सेवा के लिए अनूठी मिसाल पेश की है। इसी सेवा के लिए भारत सरकार ने उनको पदम श्री जैसे अवार्ड से सम्मानित किया। वीजा अड़चनों को लेकर एक बार फिर से उनके अवार्ड वापिसी और विदेश चले जाने पर चर्चाओं के दौर शुरू हो गये। जब इस खबर को मीडिया में प्रकाशित किया तो विदेश मंत्रालय तक बात पहुंच गई। अब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रिपोर्ट मांगी है। भारत सरकार द्वारा पदमश्री से सम्मानित गो सेविका विदेशी महिला के अवार्ड वापिसी को लेकर विदेशी मंत्री सुषमा स्वराज ने वीजा अवधि को लेकर रिपोर्ट मांग ली है। उन्होंने रविवार को अपने ट्वीट में इसको संज्ञान में लाने के लिए मीडिया को धन्यवाद देने की बात कही है। गौरतलब है कि जर्मन भक्त फ्रेडरिका एरिक बूनिंग उर्फ सुदेवी दासी राधाकुंड में कोन्हई रोड स्थित राधा सुरभि गौशाला चलाती हैं। उनकी गोशाला में बेसाहरा गोवंश का लालन-पालन होता है। करीब चालीस वर्ष से निःस्वार्थ सेवा के लिए ही उनको भारत सरकार ने पदम श्री अवार्ड से सम्मानित किया। सेवा के कार्यक्षेत्र में उनके विदेशी होने पर समय-समय पर भारत में रहने के लिए वीजा की अड़चन आती रही है। जब उनको भारत सरकार ने सम्मानित किया तो लगा कि अब उनको इस समस्या से निजात मिल जाएगी लेकिन इस जब उन्होंने वीजा अवधि के लिए अपना आवेदन किया तो कानूनी पेचदगी से रूक गया। इस पर उन्होंने कहा कि वे अपने सम्मान की वापिसी सरकार को कर देंगी। सम्मान की वापिसी की खबर पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर खुद इस मामले की रिपोर्ट मांगकर सकारात्मक पहल की है। वहीं इस संबंध में गोवर्धन के एसडीएम नागेन्द्र सिंह का कहना है कि आधिकारिक तौर पर उनको किसी प्रकार जानकारी सुदेवी दासी के वीजा के संदर्भ में नहीं दी गई है। वह अच्छा काम कर रही हैं। गो सेवा के लिए किये गये सराहनीय हैं। अगर रिपोर्ट मांगी गई उनके यहां रहने के पक्ष में सकारात्मक ही रिपोर्ट देंगे।
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पत्रकार अमित गोस्वामी।।
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