मण्डी समिति के आढ़ती संघ की हुई बैठक, सोमवार को मण्डी बंद करने का लिया निर्णय


हाथरस।  सरकारी क्रय केंद्रों पर किसानों द्वारा गेंहू न ले जाने के कारण प्रशासन की ओर से व्यापारियों को जिम्मेदार ठहराया जाना पूर्णतः गलत है और व्यापारियों द्वारा सहयोग दिए जाने के बावजूद मंडी प्रशासन की तरफ से व्यापारियों के प्रति सहयोगात्मक रुख न अपनाए जाने के कारण मंडी समिति में व्यापारियों ने हड़ताल प्रारंभ कर दी है।
    मंडी समिति के हनुमान मंदिर में आढ़ती संघ की एक बैठक हुई, जिसमें विचार रखा कि सरकारी क्रय केंद्रों पर अव्यवस्थाओं, गेंहूं न खरीदने और किसानों को परेशान करने के कारण किसान अपना गेंहू क्रय केंद्रों नहीं ले जा रहा है और क्रय केंद्रों की हठधर्मिता, मनमानी के कारण किसान जरूरत के अनुसार अपना माल मण्डी समिति में व्यापारियों के यहां पर बिक्री करने आ रहा है। सरकारी क्रय केंद्र ग्रामीण स्तर पर जगह-जगह लगे हुए हैं, लेकिन क्रय केंद्र सही काम न कर पाने के कारण व किसानों की संतुष्टि न होने के कारण किसान अपने गेंहू की उपज को मण्डी समिति तक लाने के लिए विवश हो रहा है। यह भी सोचने बाली बात है कि सरकारी क्रय केंद्रों का हाल और किसानों के प्रति उनका रवैया अच्छा होता तो सर्वप्रथम ग्रामीण स्तर पर जितने भी क्रय केंद्र खुले हुए हैं उन पर ही किसान अपने गेंहू की बिक्री कर देता। लेकिन उनकी अव्यवस्थाओं व परेशानी के कारण किसानों को मंडी समिति में गेंहू लाने के लिए विवश होना पड़ रहा है।
    कल जब किसानों का गेंहू सरकारी क्रय केंद्रों पर नहीं खरीदा जा रहा था, स्वयं व्यापारियों ने किसानों के साथ जाकर क्रय केंद्रों की व्यवस्थाऐं मंडी सचिव/जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी, विधायक व चेयरमैन को अवगत् कराई। मौके पर आकर स्वयं जनप्रतिनिधियों ने क्रय केंद्रों के प्रभारी को काफी फटकारा और कहा कि सरकारी क्रय केंद्रों पर सही तरीके से गेंहू की खरीद की जाए, जिससे किसानों को कोई परेशानी न हो। व्यापारियों ने जिला प्रशासन एवं मंडी प्रशासन को यह भी सुझाव दिया कि मण्डी में घुसने वाले गेंहू को मण्डी प्रशासन गेट पर ही पर्ची बनाकर संबंधित क्रय केंद्रों को आवंटित कर किसानों के नाम पते नोट करे। जिसमें प्रशासन की क्रास चैकिंग करके भेजे। चैकिंग कर भेजे गए गेंहू की तोल हुई है या नहीं इसका पता लगाऐं और जिस क्रय केंद्र वाले ने किसान को बिना तुलाई के वापिस भेजा, उसके खिलाफ कार्यवाही के लिए लिखा जाए। व्यापारियों द्वारा सहयोग के बावजूद मंडी समिति स्थित व्यापारियों के यहां प्रशासनिक अधिकारी घूम-घूमकर व्यापारियों को भयभीत करने का कार्य कर रहे हैं, जिससे व्यापारी अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहा है। इसी कारणों को गिनते हुए व्यापारियों ने मंडी बंद करने का निर्णय लिया है।
सोमवार को परिस्थितियों को देखते हुए निर्णय लिया जाएगा कि मंडी के आढ़तियों को क्या करना चाहिए। बैठक में मुकेश बंसल, भीकंबर सिंह, अशोक कुमार गोयल, दीपक वाष्र्णेय, प्रहलाद खंडेलवाल, अरुण अग्रवाल सहित अनेकों व्यापारी उपस्थित रहे।


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