जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी ने किया शुभारम्भ
शराब आदि ड्रग जीवन का कर रहे हैं खराब, आत्मबल से किया जा सकता है नियंत्रण .......
हाथरस।
नशीले पदार्थों की तरफ बढ़ती दुनियां खासकर ड्रग्स से होने वाले नुकसानों को देखते हुए 1987 से अन्तर्राष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध दिवस मनाने का फैसला लिया गया था। लोगों में व्यसनों खासकर शराब, नशे के इंजेक्शन आदि के खिलाफ जागरूकता के लिए प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के अलीगढ़ रोड स्थित शान्ति भवन, आनन्दपुरी कालोनी के सहज राजयोग प्रशिक्षण केन्द्र के तत्वावधान में ईश्वरीय विश्व विद्यालय की मैडीकल विंग के सौजन्य ‘‘मेरा भारत व्यसन मुक्त भारत अभियान’’ के तहत सिटी रेलवे स्टेशन पर काका हाथरसी स्मारक स्थल पर व्यसन मुक्ति और राजयोग चित्र प्रदर्शनी के आयोजन के साथ-साथ मैडीकल विंग के होम्योपैथी विभाग द्वारा प्रदत्त व्यसनों को छुड़ाने सम्बन्धी होम्योपैथी दवाओं की जानकारी प्रदान की गई।
व्यसन मुक्ति चित्र प्रदर्शनी का शुभारम्भ जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी चतुर सिंह ने रिबन काटकर किया। सहज राजयोग शिक्षिका एवं मेरा भारत व्यसन मुक्त भारत अभियान की हाथरस कोर्डीनेटर ब्रह्माकुमारी शान्ता बहिन के नेतृत्व में उपस्थित ब्रह्मावत्सों के द्वारा शराब से होने वाले नुकसानों को चित्र प्रदर्शनी के तम्बाकू, धूम्रपान, शराब आदि नशीले पदार्थों से होने वाले शारीरिक, मानसिक, और धन के नुकसानों को यात्रियों को बताया गया। इसके अलावा व्यसनी लोगों से उनका तम्बाकू, बीड़ी सिगरेट आदि भी व्यसनदान पात्र भी रखा गया। यहाँ यह पाया गया कि अधिकांश लोग बहुत लम्बे समय से तम्बाकू का सेवन शरीर की जर्जर हालत हो जाने के बाद भी कर रहे हैं। ब्रह्मावत्सों द्वारा अपने संदेश में लोगों को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा निःशुल्क साप्ताहिक पाठ्यक्रम के साथ-साथ परमपिता परमात्मा शिव प्रदत्त सहज राजयोग का नियमित अभ्यास करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
पदमश्री काका हाथरसी ने भी व्यसनों का प्रयोग करने वालों पर अपनी लेखनी चलाई है। उन्होंने शराब पीने वाले और शराब छोड़ने की शिक्षा देने वालों पर व्यंग्य लिखा जो उनकी रेयर बुक से प्राप्त किया गया -
दिन में मद्य निषेध पर भाषण दें श्रीमान,
क्लब में जाकर रात्रि को, करें सोमरस पान।
करें सोमरस पान, बार में झोंका खायें,
राम छोड़, रस और रमी से मन बहलायें।
‘काका’ जब प्याले से प्याला टकराता,
बिना जान-पहचान ‘ड्रिंक लव’ हो जाता।
इस अवसर पर बी.के. वन्दना बहिन, बी.के. राजेश कुमार, बी.के. गजेन्द्र कुमार, बी.के. केशव देव आदि के साथ-साथ स्टेशन कर्मियों एवं जीआरपी का सहयोग मिला।