हाथरस : बारिश के मौसम में वेक्टर जनित रोगों का खतरा बढ़ जाता है। सोमवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की काफी भीड़ थी। दोपहर बाद ओपीडी बंद होने तक मरीजों की लाइनें चिकित्सकों के कक्षों के बाहर लगी रही। चिकित्सकों की मानें तो बारिश के दिनों में बचाव से ही बीमार होने से बचा जा सकता है।
बारिश के दिनों में मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है, जिससे मलेरिया, टाइफाइड, वायरल बुूखार, सर्दी जुकाम आदि के संक्रमण की चपेट में लोग आ जाते हैं। सबसे अधिक परेशानी छोटे बच्चों को होती है। पिछले कई दिनों से बारिश के बाद निकली धूप ने लोगों की सेहत बिगाड़ दी है। बारिश के दिनों में सेहत का बचाव करना जरूरी होता है। शनिवार के बाद सोमवार को जिला अस्पताल के खुलते ही ओपीडी पर पर्चा बनवाने के लिए सुबह आठ बजे से ही मरीजों की लंबी लाइन लग गई। अस्पताल में बुखार, खांसी और सर्दी के मरीज सबसे अधिक आए। दोपहर एक बजे तक अस्पताल में चिकित्सकों के पास मरीजों की भीड़ रही।
एडवाइजरी : मलेरिया विभाग ने एडवाइजरी जारी की है, जिसमें घर और आसपास साफ-सफाई रखने के निर्देश दिए हैं। जलभराव वाले स्थानों पर मच्छरों के पनपने की ज्यादा संभावना रहती है। जिला मलेरिया अधिकारी एम.जौहरी ने बताया कि इस मौसम में वेक्टर बॉर्न डिजीज यानि मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के बढ़ने की ज्यादा संभावना रहती है। अगस्त से अक्टूबर तक इनका प्रकोप अधिक होता है। इस दौरान बड़ी संख्या में मरीज अस्पताल पहुंचते हैं। इससे बचाव के लिए समय-समय पर एडवाइजरी जारी की जाती है। इसके चलते वेक्टर बॉर्न डिजीज के मरीजों की संख्या में कमी आई है।
बारिश के दिनों में मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है, जिससे मलेरिया, टाइफाइड, वायरल बुूखार, सर्दी जुकाम आदि के संक्रमण की चपेट में लोग आ जाते हैं। सबसे अधिक परेशानी छोटे बच्चों को होती है। पिछले कई दिनों से बारिश के बाद निकली धूप ने लोगों की सेहत बिगाड़ दी है। बारिश के दिनों में सेहत का बचाव करना जरूरी होता है। शनिवार के बाद सोमवार को जिला अस्पताल के खुलते ही ओपीडी पर पर्चा बनवाने के लिए सुबह आठ बजे से ही मरीजों की लंबी लाइन लग गई। अस्पताल में बुखार, खांसी और सर्दी के मरीज सबसे अधिक आए। दोपहर एक बजे तक अस्पताल में चिकित्सकों के पास मरीजों की भीड़ रही।
एडवाइजरी : मलेरिया विभाग ने एडवाइजरी जारी की है, जिसमें घर और आसपास साफ-सफाई रखने के निर्देश दिए हैं। जलभराव वाले स्थानों पर मच्छरों के पनपने की ज्यादा संभावना रहती है। जिला मलेरिया अधिकारी एम.जौहरी ने बताया कि इस मौसम में वेक्टर बॉर्न डिजीज यानि मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के बढ़ने की ज्यादा संभावना रहती है। अगस्त से अक्टूबर तक इनका प्रकोप अधिक होता है। इस दौरान बड़ी संख्या में मरीज अस्पताल पहुंचते हैं। इससे बचाव के लिए समय-समय पर एडवाइजरी जारी की जाती है। इसके चलते वेक्टर बॉर्न डिजीज के मरीजों की संख्या में कमी आई है।
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