लोगों ने व्यसनों से मुक्ति का लिया संकल्प
सोमवार से साप्ताहिक पाठ्यक्रम का भी होगा आयोजन
जो बोतल में डूब गया उसका नसीब फूट गया ..........
हाथरस। नशा तो नशा है शान नहीं है, जो इसे शान समझते हैं एक दिन नशा उनकी शान खराब कर देता है। नशा तम्बाकू में नहीं है लोगों की मानसिकता में है शौक में आकर इनका प्रयोग करने से बर्बादी ही बर्बादी है। उक्त विचार डाॅ. सुरेश चन्द्र वाश्र्णेय ने रमनपुर नई बस्ती कि पंचायतघर पर ‘‘व्यसन मुक्त भारत अभियान’’ के अन्तर्गत प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय आनन्दपुरी राजयोग प्रशिक्षण केन्द्र की राजयोग शिक्षिका बी.के. शान्ता बहिन के सानिध्य में मैडीकल विंग के सौजन्य से आयोजित कार्यक्रम में सम्बोधित करते हुए डाॅ. सुरेश चन्द्र वाश्र्णेय ने उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये।
इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारम्भ डाॅ. सुरेश चन्द्र वाश्र्णेय, बी.के. शान्ता बहिन ने किया। सरस्वती बहिन द्वारा अतिथियों का पुष्प देकर स्वागत किया गया।
बी.के. गजेन्द्र भाई द्वारा लोगों को मौत के मुँह में ले जाने वाले नशीले पदार्थों से मुक्त करने के लिए व्यंगात्मक ‘‘व्यसनों की शादी’’ का कार्ड प्रस्तुत किया। बी.के. दिनेश भाई ने मेडीकल विंग की चित्र प्रदर्शनी की स्पष्ट करते हुए ब्रह्मावत्सों ने बताया कि हर सिगरेट मनुष्य के लगभग 6 से 8 मिनट जीवन के कम कर देती है। यह जानते हुए भी सिगरेट और बीड़ी का उपयोग निरन्तर बढ़ता ही जा रहा है। एक सिगरेट के धूँए में फसलों के हानिकारक कीटों को नष्ट करने के लिए प्रतिबन्धित डी0डी0टी0, दीमक को नष्ट करने वाली आर्सेनिक, कलकारखानों से निकलने वाला कार्बन माॅनो औक्साइड एवं कार्बनडाई आॅक्साइड आदि 40 से भी अधिक विषैली गैसें निकलती हैं। उपचार बताते हुए उन्होंने कहा कि सबसे पहला उपचार है स्वयं पर नियंत्रण रखना, होम्योपैथी दवाओं के सहयोग से भी इनसे मुक्त हुआ जा सकता है।
इस अवसर पर व्यसन मुक्ति कार्यक्रम कोर्डीनेटर बी.के. शान्ता बहिन ने कहा कि व्यसनों से तन, मन, धन और जन सबका नुकसान हो जाता है यह सभी जानते हैं लेकिन आत्मबल न होने के कारण इनसे दूर नहीं हो सकते। ब्रह्माकुमारीज़ संगठन द्वारा सिखाये गये राजयोग एवं सहज गीता ज्ञान के माध्यम से आत्मबल बढ़ता है। जब आँख खुले तभी सबेरा है आज का दिन है इससे मुक्त होने का, अभी नहीं तो कभी नहीं।
इस अवसर पर वीडियो फिल्म प्रोजेक्टर के माध्यम से तम्बाकू से होने वाले नुकसान को दिखाया गया। अनेक लोगों ने बीडी, तम्बाकू आदि का दान करने का संकल्प व्यसन दानपात्र में किया। ज्ञात हो कि लोगों को हानिकारक पदार्थों के बारे में पोस्टर, प्रदर्शनी, वीडियो फिल्मों से जानकारी दी जाती है और साथ में व्यसन दानपात्र में लिया जाता है।
इस अवसर पर डाॅ. सुरेश चन्द्र वाश्र्णेय ने नशा छोड़ने के लिए किसी भी प्रकार की मदद निःशुल्क देने संकल्प व्यक्त करते हुए आव्हान किया कि खुद के लिए नही ंतो अपने परिवार के लिए भी इन व्यसनों से मुक्त बनो।
कार्यक्रम में बी.के. कोमल बहिन, गजेन्द्र भाई, केशवदेव, भीमसैन, राजेश कुमार, ओम प्रकाश , प्रेमनाथ, विनोद कुमार, कमलेश, रामनिवास, भाग्यश्री, राहुल आदि का सहयोग रहा। सोमवार से साप्ताहिक पाठ्यक्रम का भी होगा आयोजन रमनपुर नई बस्ती, पंयाचत घर पर आयोजित किया जायेगा।
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