सिकंदराराऊ। प्रदेश सरकार बाइक चालक के लिए हेलमेट लगाने के लिए लाख प्रयास कर रही है, जिसके लिए पुलिस भी लगातार दुपहिया वाहन चालको की सकती से चेकिंग अभियान चला रही है और जनपद के जिम्मेदार अधिकारी बाईक चालकों को हेलमेट लगा कर चलने की हिदायत भी दे रहे लेकिन फिर भी ज्यादातर बाईक चालकों के लिए यह नियम मायने नही रखता है क्या हम अपने परिवार को सुरक्षित नही देखना चाहते है क्या जीवन के मोल पर रफ्तार हावी है इसी सवाल को यातायात पुलिस से लेकर सरकार तक खोज रही है येसे तमाम प्रयास के बाद भी दो पहिया वाहन चालक अपने सिर पर हेलमेट लगाना नही चाहते है येसे एक बात याद आती है कि मर्जी और सिर आपका और घर पर भी इन्तजार आपका येसे कई हादसे हुए जिनमे दो पहिया वाहन चालक के सिर पर हेलमेट न होने की वजह से सिर मे चोट लगने से जिन्दगी से भी हाथ धो बेठे है सड़क हादसा बढते देख केंद्र और प्रदेश सरकार ने यातायात नियमो को भी सख्त कर दिया है विना हेलमेट के पकडे जाने पर जुर्माना भी वढा दिया है अब सवाल उठता है कि दुपहिया वाहन चालको के लिए अपने जीवन का इतना कम कयों है जिससे कि जान बूझकर दो पहिया वाहन चालक मोत को दावत दे रहे है हेलमेट लगाने से कोई सामने वाले व्यक्ति को सुरक्षा या नुकसान नही है बल्कि जबकि हेलमेट लगाने से खुद की ही सुरक्षा होती है ज्यादातर दुपहिया वाहन पर देखने को मिलता है कि अगर युवा वर्ग के लोग हेलमेट लगाने मे अपनी तोहिनी समझने लगते है अगर बाइक पर दो सवारी वेठी है तो चालक का हेलमेट सिर पर लगने की वजाय वेठने वाले व्यक्ति के हाथ मे होता है।
रिपोर्ट सुशील कुमार
रिपोर्ट सुशील कुमार
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