हाथरसः प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओें पर हो रहे अत्याचार की घटनाओं की रोकधाम के लिए पुलिस प्रसाशन को निदेर्शित किया गया है। जिससे महिलाएं अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकें। सिकंद्राराऊ के गांव भुर्रका निवासी बीना पुत्री चंद्रपाल निवासी गांव माधुरी सिकंद्राराऊ पिछले कई दिनों से कोतवाली सिकंद्राराऊ पुलिस अधीक्षक कार्यालय के चक्कर काट रही है। बीना की शादी गांव भुर्रका निवासी टिंकू पुत्र वीरेंद्र सिंह से 2014 में हुई थी। शादी के पांच वर्षों में बीना पर दो बेटियां है। बीना ने बताया कि परिवार के सभी सदस्य बेटा न होने पर मुझे प्रताणित करते हैं और आए दिन घर से निकालने व जान से मारने की धमकी देते हैं। मेरे जेठ महेश पुत्र चंद्रपाल मुझे गंदी नीयत रखता है। इसकी शिकायत सास, ससुर से की तो उन्होंने मुझे गंदी-गंदी गालियां देते हुए चुप करा दिया। अप्रैल माह में मुझ पर बेटा न होने की बजह से जब मैं गर्भवती थी तब मेरा अल्टासाउड कराया और बेटी होने पर मेरा गर्भ गिरा दिया। जिसके बाद से ही मैं अपने मायके रह रही हूं। पूलिस को तहरीर देने के बाद भी अभी तक मुकदमा नहीं दर्ज किया गया। मेरे ससुराली जन फैसला कराने के लिए मेरे मायके आए तो मैंने जाने से मना कर दिया। तो जल्दवाजी में मेरे पति टिंकू का फोन मेरे पास ही छूट गया जिसमें मेरे जेठ व मेरे पति की कोल रिकार्डिंग थीं जिनमें वह साफ कह रहे हैं कि कैसे भी बीना को घर लाकर बाद में उसे मार देंगे।
पीडित महिला बीना ने कई बार कोतवाली सिकंद्राराऊ व पुलिस अधीक्षक कार्यालय के चक्कर लगाए लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। क्या महिला के साथ कोई घटना हो जाने के बाद ही सुनेगी पुलिस।
Post a Comment