कच्चे रास्ते का ग्रामीणों ने किया विरोध, जलभराव से निकलना मुश्किल
सासनी के गांव रूहल के ग्रामीणों ने कच्चे रास्ते को लेकर किया विरोध प्रदर्शन। काफी सालों से बने हुए कच्चे रास्ते पर ना तो इंटरलॉकिंग हुई और ना ही डाबर हुई।काफी जनप्रतिनिधि आकर यूं ही चले जाते हैं। जब चुनाव का समय नजदीक आता है।तो उस वक्त प्रत्याशी गांव में वोट मांगने के लिए तो आते हैं, लेकिन विजई होने के बाद कोई भी प्रत्याशी नहीं आता है।
ग्रामीणों में प्रदर्शन करते हुए बताया कि एनएच 93 राधिका ढावा के पीछे बना कच्चा रोड जो कि गांव रुहल से जुड़ा हुआ है। जो काफी सालों से खराब है। जिस पे अभी तक ना तो इंटरलॉकिंग हुई,ना ही डावर हुई।जिससे ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।और बारिश के समय कच्चे रास्ते पर हो रहे गड्ढों में पानी भर जाता है। जिससे कि बरसात के मौसम में ग्रामिणों को आने व जाने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।ग्रामीणों का कहना हे कि अब तक काफी जनप्रतिनिधि तो बन गए लेकिन इस कच्चे रास्ते की ओर किसी का भी ध्यान नहीं गया है।वहीं ग्रामीणों ने बताया कि चुनाव होने पर प्रत्याशी वोट मांगने तो आते हैं, लेकिन जीतने के बाद इस ओर कोई ध्यान ही नहीं देते हैं। इस बात को लेकर ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया।प्रदर्शन करने वालों में पुष्पेंद्र सिंह,धर्मेंद्र सिंह,साजिद,उदयवीर सिंह,भूपेंद्र चौधरी में साथ आदि ग्रामीण मौजूद रहे।
सासनी से हिमांशु कुशवाह की रिपोर्ट
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