राजधानीः आइपीएल के 12वें सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स को बुधवार को अपनी पहली हार का सामना करना पड़ा। वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए मैच में मुंबई इंडियंस ने चेन्नई को 37 रनों से हरा दिया। इस मैच में अभी तक अपराजित रही चेन्नई की दो कमियां उभर के सामने आई हैं। फील्डिंग को लेकर कप्तान धौनी पहले भी चिंता जता चुके है, लेकिन इस मैच में चेन्नई की बल्लेबाजी और गेंदबाजी भी एक्सपोज हुई है।
आखिरी ओवर में खराब गेंदबाजीः चेन्नई के साथ पिछले सीजन में अफ्रीकन गेंदबाज लुंगी एंगिडी थे, लेकिन इस बार ऐसा कोई भी गेंदबाज अभी तक नजर नहीं आया है। टीम में फास्ट बॉलिंग का जिम्मा दीपक चाहर, शार्दुल ठाकुर, मोहित शर्मा और ब्रावो के ऊपर है। धौनी इनमें से दीपक का इस्तेमाल मैच के शुरुआत में ही कर लेते हैं। आखिरी के ओवरों में बॉलिंग का जिम्मा ठाकुर और ब्रावो के कंधो पर होता है। पिछले दो मैचों में ब्रावो ने अंतिम ओवरों में अच्छे स्पेल डाले थे, लेकिन वह मुंबई के खिलाफ काफी महंगे साबित हुए। मैच के आखिरी ओवर में उन्होंने 29 रन दे डाले। इस मैच में ब्रावो ने 12.25 की इकोनॉमी से 49 रन खर्च किए। वहीं, बाकि दोनों पेसरों की भी औसत लगभग नौ के करीब रही। अब तक खेले गए पूरे चार मैचों की बात करें, तो फास्ट बॉलरों में चाहर को छोड़ सबकी इकोनॉमी नौ से ऊपर की है। शुरुआत के मैचों में स्पिन मिडिल ऑर्डर में विकेट लेकर विरोधी टीम की कमर तोड़ देती थी, लेकिन मुंबई के बल्लेबाजों ने संभल के बल्लेबाजी की और आखिरी में चेन्नई की इस कमजोरी का फायदा उठाया।
आखिरी ओवर में खराब गेंदबाजीः चेन्नई के साथ पिछले सीजन में अफ्रीकन गेंदबाज लुंगी एंगिडी थे, लेकिन इस बार ऐसा कोई भी गेंदबाज अभी तक नजर नहीं आया है। टीम में फास्ट बॉलिंग का जिम्मा दीपक चाहर, शार्दुल ठाकुर, मोहित शर्मा और ब्रावो के ऊपर है। धौनी इनमें से दीपक का इस्तेमाल मैच के शुरुआत में ही कर लेते हैं। आखिरी के ओवरों में बॉलिंग का जिम्मा ठाकुर और ब्रावो के कंधो पर होता है। पिछले दो मैचों में ब्रावो ने अंतिम ओवरों में अच्छे स्पेल डाले थे, लेकिन वह मुंबई के खिलाफ काफी महंगे साबित हुए। मैच के आखिरी ओवर में उन्होंने 29 रन दे डाले। इस मैच में ब्रावो ने 12.25 की इकोनॉमी से 49 रन खर्च किए। वहीं, बाकि दोनों पेसरों की भी औसत लगभग नौ के करीब रही। अब तक खेले गए पूरे चार मैचों की बात करें, तो फास्ट बॉलरों में चाहर को छोड़ सबकी इकोनॉमी नौ से ऊपर की है। शुरुआत के मैचों में स्पिन मिडिल ऑर्डर में विकेट लेकर विरोधी टीम की कमर तोड़ देती थी, लेकिन मुंबई के बल्लेबाजों ने संभल के बल्लेबाजी की और आखिरी में चेन्नई की इस कमजोरी का फायदा उठाया।
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