हाथरस। पराग डेयरी में गायों की मौत के मामले के सुद्दखयों में छाने के बाद से अधिकारियों में खलबली मची है। सोमवार को पराग डेयरी में पशुओं की गणना कराई गई। यहां महज 350 गोवंश ही मिले जबकि अस्थाई गोशाला बनाने पर यहां 2300 गोवंश को रखा गया था। सूत्रों के मुताबिक कर्मचारियों ने 350 पशुओं की गिनती को अधिकारियों को बढ़ा-चढ़ाकर 520 के करीब बता दी। अधिकारियों ने भी यही काम किया और पराग डेयरी में पशुओं की गणना वाले रजिस्टर में इनकी संख्या 720 के करीब दर्ज कर दी। इस तरह पशुओं की वास्तविक संख्या की तुलना में रजिस्टर में दो गुनी संख्या दर्ज कर दी गई। पराग डेयरी में गायों की हालत में सुधार के लिए प्रशासन लगातार प्रयासरत है, वहीं प्रभारी जिलाधिकारी अशोक कुमार शुक्ला ने आम जन से भी सहयोग की अपील की है। उन्होंने सामाजिक संगठनों से भी सहयोग मांगा है। प्रभारी जिलाधिकारी ने कहा है कि ब्रज की देहरी हाथरस गोसेवा के लिए जानी जाती है। यहां पहले से ही कई गोशालाएं भली-भांति संचालित हैं। ऐसे में पराग डेयरी में रह रही गायों को भी गोसेवकों की बहुत जरूरत है। प्रशासन अपनी तरफ से पूरा प्रयास कर रहा है, अगर जन सहयोग मिल जाए तो गोवंश को राहत जरूर मिलेगी। उन्होंने बताया कि जो भी दानवीर गायों के लिए हरा चारा, भूसा या फिर अन्य सेवा करना चाहते हैं वे गोवंश कंट्रोलिंग ऑफिसर महेश चंद्रपाल से भी मोबाइल नंबर 7017866212 पर संपर्क कर सकते हैं। पराग डेयरी में गोवंश के लिए भूसा और तूरी तो है लेकिन हरा चारा नहीं है। इस वजह से वह चारे को नहीं खा रहे हैं। ऐसे में कई गोवंश की हालत खराब है और वह उठने की स्थिति में भी नहीं हैं। इधर बजट के अभाव में प्रशासन भी हरे चारे की व्यवस्था नहीं कर पा रहा है।
सासनी की पराग डेयरी में समाजसेवियों के सूखे भूसे पर आश्रित गोवंश, जिलाधिकारी ने किया निरीक्षण
हाथरस। पराग डेयरी में गायों की मौत के मामले के सुद्दखयों में छाने के बाद से अधिकारियों में खलबली मची है। सोमवार को पराग डेयरी में पशुओं की गणना कराई गई। यहां महज 350 गोवंश ही मिले जबकि अस्थाई गोशाला बनाने पर यहां 2300 गोवंश को रखा गया था। सूत्रों के मुताबिक कर्मचारियों ने 350 पशुओं की गिनती को अधिकारियों को बढ़ा-चढ़ाकर 520 के करीब बता दी। अधिकारियों ने भी यही काम किया और पराग डेयरी में पशुओं की गणना वाले रजिस्टर में इनकी संख्या 720 के करीब दर्ज कर दी। इस तरह पशुओं की वास्तविक संख्या की तुलना में रजिस्टर में दो गुनी संख्या दर्ज कर दी गई। पराग डेयरी में गायों की हालत में सुधार के लिए प्रशासन लगातार प्रयासरत है, वहीं प्रभारी जिलाधिकारी अशोक कुमार शुक्ला ने आम जन से भी सहयोग की अपील की है। उन्होंने सामाजिक संगठनों से भी सहयोग मांगा है। प्रभारी जिलाधिकारी ने कहा है कि ब्रज की देहरी हाथरस गोसेवा के लिए जानी जाती है। यहां पहले से ही कई गोशालाएं भली-भांति संचालित हैं। ऐसे में पराग डेयरी में रह रही गायों को भी गोसेवकों की बहुत जरूरत है। प्रशासन अपनी तरफ से पूरा प्रयास कर रहा है, अगर जन सहयोग मिल जाए तो गोवंश को राहत जरूर मिलेगी। उन्होंने बताया कि जो भी दानवीर गायों के लिए हरा चारा, भूसा या फिर अन्य सेवा करना चाहते हैं वे गोवंश कंट्रोलिंग ऑफिसर महेश चंद्रपाल से भी मोबाइल नंबर 7017866212 पर संपर्क कर सकते हैं। पराग डेयरी में गोवंश के लिए भूसा और तूरी तो है लेकिन हरा चारा नहीं है। इस वजह से वह चारे को नहीं खा रहे हैं। ऐसे में कई गोवंश की हालत खराब है और वह उठने की स्थिति में भी नहीं हैं। इधर बजट के अभाव में प्रशासन भी हरे चारे की व्यवस्था नहीं कर पा रहा है।
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