गोवर्धन शंकराचार्य आश्रम में महोत्सव के समापन अवसर पर शंकराचार्य अद्योक्षजनांद देवतीर्थ महाराज व अन्य
- शंकराचार्य आश्रम में नौ दिवसीय मृत्यंुजय यज्ञ का समापन
गोवर्धन। जतीपुरा परिक्रमा मार्ग शंकराचार्य आश्रम में राष्ट्र की एकता व अखंडता के लिए आयोजित नौ दिवसीय मृत्यंुजय यज्ञ के समापन अवसर पर गोवर्धन पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य अद्योक्षजानंद देवतीर्थ महाराज ने कहा कि ऋषि मुनियों ने हमेशा से विश्व कल्याण के लिए आध्यामिक साधना की है। इसमें राजसत्ता समृद्धि की कामना जुड़ी है। शास्त्र गवाह है कि ऋषि-मुनियों ने स्वयं गद्दी नहीं ली बल्कि गद्दीनसीनों के प्रति आम जनता में भाव व विश्वास जगाया है। जनता की आस्था शासक के प्रति होगी तो स्वयं शासन के प्रति हो जाएगी। तभी अलगाववाद रूकेगा। जनता का विश्वास यदि शासन तंत्र से उठ गया तो देश में अव्यवस्था फैल जाएगी और इसे संभालना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से जनता द्वारा चुनी गई सरकार देश की दशा और में दिशा में अहम योगदान देती है। इसके लिए शासकों के प्रति जनता का विश्वास कायम रहना आवश्यक है। इस चुनाव में अभद्र भाषा का प्रयोग ठीक नहीं है। उन्हें याद रहना चाहिए कि वे पक्ष हो या विपक्ष लेकिन वे सबसे पहले हिंदुस्तान के हैं। यदि वे हिंदुस्तान की संस्कृति नहीं अपनाएंगे तो देश की जनता उन्हीं का अनुसरण करेगी। राजनैतिक लोगों से जनता का विश्वास घटेगा जो कि ठीक नहीं होगा। पूर्णाहूति में दूर-दूर से आये लोगों ने भाग लिया। इस अवसर पर अरूणाचल प्रदेश के राज्यमंत्री जापू डेरो, वन एवं पर्यावरण मंत्री नावम रिविया, उद्योगपति विनोद वरगोदिया, डाॅ. ओमप्रकाश आचार्य, केके गौतम, मेरूकांत पांडेय, राजू द्विवेदी आदि थे।
- शंकराचार्य आश्रम में नौ दिवसीय मृत्यंुजय यज्ञ का समापन
गोवर्धन। जतीपुरा परिक्रमा मार्ग शंकराचार्य आश्रम में राष्ट्र की एकता व अखंडता के लिए आयोजित नौ दिवसीय मृत्यंुजय यज्ञ के समापन अवसर पर गोवर्धन पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य अद्योक्षजानंद देवतीर्थ महाराज ने कहा कि ऋषि मुनियों ने हमेशा से विश्व कल्याण के लिए आध्यामिक साधना की है। इसमें राजसत्ता समृद्धि की कामना जुड़ी है। शास्त्र गवाह है कि ऋषि-मुनियों ने स्वयं गद्दी नहीं ली बल्कि गद्दीनसीनों के प्रति आम जनता में भाव व विश्वास जगाया है। जनता की आस्था शासक के प्रति होगी तो स्वयं शासन के प्रति हो जाएगी। तभी अलगाववाद रूकेगा। जनता का विश्वास यदि शासन तंत्र से उठ गया तो देश में अव्यवस्था फैल जाएगी और इसे संभालना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से जनता द्वारा चुनी गई सरकार देश की दशा और में दिशा में अहम योगदान देती है। इसके लिए शासकों के प्रति जनता का विश्वास कायम रहना आवश्यक है। इस चुनाव में अभद्र भाषा का प्रयोग ठीक नहीं है। उन्हें याद रहना चाहिए कि वे पक्ष हो या विपक्ष लेकिन वे सबसे पहले हिंदुस्तान के हैं। यदि वे हिंदुस्तान की संस्कृति नहीं अपनाएंगे तो देश की जनता उन्हीं का अनुसरण करेगी। राजनैतिक लोगों से जनता का विश्वास घटेगा जो कि ठीक नहीं होगा। पूर्णाहूति में दूर-दूर से आये लोगों ने भाग लिया। इस अवसर पर अरूणाचल प्रदेश के राज्यमंत्री जापू डेरो, वन एवं पर्यावरण मंत्री नावम रिविया, उद्योगपति विनोद वरगोदिया, डाॅ. ओमप्रकाश आचार्य, केके गौतम, मेरूकांत पांडेय, राजू द्विवेदी आदि थे।
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