विजय दशमी के पावन पर्व पर कर्म योग सेवा संघ के द्वारा कार्यक्रम का हुआ आयोजन
सिकन्दराराऊ हाथरस भगवान श्रीकृष्ण ने भ्रमित अर्जुन के सामने कर्मयोग का मार्ग प्रशस्त करते हुए कहा कि तू निष्काम कर्मयोग कर। अनासक्त रहते हुए कर्म कर। फल की इच्छा से मुक्त रहते हुए कर्म कर; तेरे कर्म का परिणाम सृष्टि नियन्ता ने पहले से ही निर्धारित किया हुआ है। उक्त बातें महंत स्वामी श्री हरिशंकर दास वेदांतीजी महाराज ने कर्मयोग सेवा संघ के पंचम स्थापना दिवस एवं विजयादशमी पर्व के अवसर पर साईं आनन्द वल्लभ विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व विधायक सुरेश प्रताप गांधी ने तथा संचालन डॉ. श्रीकान्त त्रिवेदी ने किया।
इस अवसर पर राज्य मंत्री रघुराज सिंह ने कहा कि सरकार की नीतियाँ जनकल्याणकारी हैं। उन्हें पटल पर लागू कराना जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी है। जनप्रतिनिधियों को जनता के प्रति अपना समर्पण रखना चाहिए।
शिक्षक विधान परिषद सदस्य मानवेन्द्र सिंह ने कहा कि आने वाले समय मे युवा ही नेतृत्व करेंगे। भाजपा युवाओं को अवसर देकर युवा वर्ग को पार्टी विचारधारा से जोड़ने का काम कर रही है।
कर्मयोग सेवा संघ के संस्थापक संरक्षक डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि पिछले पांच वर्ष में विवेकशील राघव के नेतृत्व और संगठन की विचारधारा के चलते संगठन 19 राज्यों के लगभग 200 जिलों तक पहुंचने में सफल हुआ है। सिकन्दराराऊ क्षेत्र की जनता को विवेकशील राघव जैसे नेतृत्व को आगे लाना चाहिए और यह विश्वास रखना चाहिए कि अपूर्व तरीके से क्षेत्र का सर्वांगीण विकास होगा।
हरियाणा सरकार में राज्य मंत्री वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि विवेकशील सच्चे कर्मयोगी है और उन्हें इस क्षेत्र का नेतृत्व करना चाहिए।
इस दौरान हलधर गोपाल सम्मान, पूर्व सैनिक सम्मान, साहित्य भूषण सम्मान, वरिष्ठ चिक्तिसक सम्मान एवं अधिवक्ता सम्मान आदि से क्षेत्रीय प्रतिभाओं का सम्मान किया गया।
संगठन के अध्यक्ष विवेकशील राघव ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य जनता की सामाजिक, आर्थिक और मानसिक प्रगति ही है जिसे हम निष्ठा के साथ निभाएंगे।
*रिपोर्ट-यतेन्द्र प्रताप शिवम जादौन*
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