हाथरस: कोविड-19 के चलते जब देश में लॉकडाउन लगाया गया, तब किसी को यह अंदाजा नहीं था कि उसकी आगे की जिंदगी किस प्रकार व्यतीत होगी। नौकरीपेशा लोग हो या फिर रोज कमा कर खाने बाले दिहाड़ी मजदूर, सभी लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। इसी प्रकार हाथरस की तहसील सासनी निवासी अमिताभ जोकि स्नातक उत्तीर्ण हैं और उनके साथी राहुल जोकि हाथरस की तहसील सासनी के अंजू प्रियंका डिग्री कॉलेज में कार्य करते थे। लॉकडाउन के बाद परिवार का पेट पालने के लिए डिग्री होल्डर युवा गांव रुदायन में मनरेगा में मजदूरी करने को विवश हैं।
कोरोना महामारी के कारण सासनी में MA/BA पास युवा मनरेगा में मजदूरी करने को मजबूर
हाथरस: कोविड-19 के चलते जब देश में लॉकडाउन लगाया गया, तब किसी को यह अंदाजा नहीं था कि उसकी आगे की जिंदगी किस प्रकार व्यतीत होगी। नौकरीपेशा लोग हो या फिर रोज कमा कर खाने बाले दिहाड़ी मजदूर, सभी लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। इसी प्रकार हाथरस की तहसील सासनी निवासी अमिताभ जोकि स्नातक उत्तीर्ण हैं और उनके साथी राहुल जोकि हाथरस की तहसील सासनी के अंजू प्रियंका डिग्री कॉलेज में कार्य करते थे। लॉकडाउन के बाद परिवार का पेट पालने के लिए डिग्री होल्डर युवा गांव रुदायन में मनरेगा में मजदूरी करने को विवश हैं।
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