हाथरस जिलाधिकारी अर्चना वर्मा ने ग्राम पंचायत अहवरनपुर में संचालित आंगनबाडी केन्द्र पर बाल विकास परियोजना
विभाग द्वारा चलाई जा रही गोद भराई योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को पुष्टाहार प्रदान कर शिशुओं को अन्नप्राशन कराया तथा गर्भवती महिलाओं को नियमित रूप से टीकाकारण कराने एवं बच्चे के उचित विकास हेतु भोजन में नियमित रूप से पौष्टिक आहार का शामिल करने के लिए कहा।
कार्यक्रम के अवसर पर जिलाधिकारी ने गर्भवती महिलाओं को आयरन की गोली का सेवन पानी के साथ करने के लिये कहा। उन्होंने कहा कि आयरन की गोली दूध के साथ नहीं लेनी चाहिए। दूध के साथ आयरन की गोली लेने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। उन्होंने गर्भवती महिलाओं को भोजन में हरी पत्तीदार सब्जियाँ, दाल, दूध एवं दही का नियमित रूप से शामिल करने के लिये कहा। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी को समस्त आंगनबाड़ी केन्द्रों पर सहजन के वृक्ष लगवाने के निर्देश दिए। उन्होनें 01 बच्चे का अपने सामने वजन एवं लम्बाई की माप कराई जोकि आयु के अधार पर ठीक पाई गई। कार्यक्रम के दौरान उन्होने लाभार्थी पंजिका एवं पोषण ट्रैकर एप पर की गई कार्यवाही की जांच की। इसके पश्चात उन्होने परिसर में संचालित संविलयन विद्यालय में पहुचकर कक्षा 01 का निरीक्षण किया जहां पर बच्चे परीक्षा दे रहे थे। उन्होने 01 बच्चे से अंको को दिखाकर पूछा कि कौन से अंक है। बच्चे ने सभी अंको की सही पहचान कर सही जवाब दिया जिस पर जिलाधिकारी ने प्रसन्नता व्यक्त की।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने जानकारी करने पर बताया कि ग्राम पंचायत अहवरनपुर में एक ही परिसर पर तीन आंगनबाड़ी कन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र पर एक-एक आंगनबाड़ी कार्यकत्री व एक-एक आंगनबाड़ी सहायिका की तैनाती की गई है। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्र प्रथम पर 6 माह से 3 वर्ष के 75 बच्चे तथा 3 वर्ष से 6 वर्ष के 33 बच्चे पंजीकृत हैं। 31 गर्भवती महिला व 21 धात्री माताऐं पंजीकृत हैं। इसी प्रकार आंगनबाड़ी केन्द्र द्वितीय पर 6 माह से 3 वर्ष के 107 बच्चे तथा 3 वर्ष से 6 वर्ष के 35 बच्चे पंजीकृत हैं। 20 गर्भवती महिला व 10 धात्री माताऐं पंजीकृत हैं। आंगनबाड़ी केन्द्र तृतीय पर 6 माह से 3 वर्ष के 40 बच्चे तथा 3 वर्ष से 6 वर्ष के 42 बच्चे पंजीकृत हैं। 12 गर्भवती महिला व 9 धात्री माताऐं पंजीकृत हैं। पंजीकृत बच्चों/गर्भवती महिलाओं/धात्री का आधार वेरिफिकेशन कराया गया है। आंगनबाड़ी सहायिका द्वारा कुपोषित बच्चों के घर पर भ्रमण कर उनके अभिभावकों को भोजन में पौष्टिक आहार प्रदान करने हेतु जागरूक किया जाता है, जिससे कि बच्चों का विकास मानक के अनुरूप हो सके।
इस अवसर पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, सी0डी0पी0ओ0, आंगनबाड़ी कार्यकत्री/सहायिका आदि उपस्थित रहे।
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